ठाकुरजी की भाभी
एक लडकी थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी, बचपन से ही कृष्ण भगवान
एक लडकी थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी, बचपन से ही कृष्ण भगवान
एक राजा के चार लड़के थे। राजा ने उनको बुलाकर बताया कि ‘जो सबसे बड़े
1540 से 1545 के बीच दिल्ली सल्तनत में एक अफगान शेरशाह सूरी का उरूज किसी
करणी माता का जन्म सं. 1444 में जोधपुर के सुआप नामक गांव में कीनिया शाखा
राजस्थान का इतिहास शोर्य और बलिदानी गाथाओ से भरा है राजस्थान मे जहाँ भी जाऐँगे
पुत्र वियोग से हुई देवलोक, पीहर के (ढोली) को दिया पहला पर्चा जैसलमेर जिले के
जगदेव परमार मालवा के राजा उदयादित्य जी के पुत्र थे। बारहवीं शताब्दी में इस प्रदेश
ठाकुर मालदेव घांघू के ठाकुर बणीर जी के पुत्र थे | बणीर जी के वंशज
अगरमहाराणा प्रताप का इतिहास याद करें और उसमें झाला मान या झाला मन्ना का जिक्र
राजस्थान में सिरोही को 5 जनवरी 1949 से 25 जनवरी 1950 तक बॉम्बे सरकार के