कूँवर वीरमदेव चौहान
राजस्थान का इतिहास शोर्य और बलिदानी गाथाओ से भरा है राजस्थान मे जहाँ भी जाऐँगे
राजस्थान का इतिहास शोर्य और बलिदानी गाथाओ से भरा है राजस्थान मे जहाँ भी जाऐँगे
पुत्र वियोग से हुई देवलोक, पीहर के (ढोली) को दिया पहला पर्चा जैसलमेर जिले के
जगदेव परमार मालवा के राजा उदयादित्य जी के पुत्र थे। बारहवीं शताब्दी में इस प्रदेश
ठाकुर मालदेव घांघू के ठाकुर बणीर जी के पुत्र थे | बणीर जी के वंशज
अगरमहाराणा प्रताप का इतिहास याद करें और उसमें झाला मान या झाला मन्ना का जिक्र
राजस्थान में सिरोही को 5 जनवरी 1949 से 25 जनवरी 1950 तक बॉम्बे सरकार के
एक ऐसा क्रांतिकारी भी था, जिसका प्लान अगर कामयाब हुआ होता, साथी ने गद्दारी नहीं
मेजर दलपत सिंह हाइफ़ा का भारतीय नायक है। उनका जन्म जोधपुर में हुआ था, लंदन
सुंधा माता का मंदिर काफी प्राचीन है। जालोर के शासक चाचिगदेव ने संवत् 1319 में
राजस्थान की धरती शुरू से ही वीरों की धरती के रूप में जानी जाती है।