ओम बन्ना के चमत्कार की पूरी कहानी

राजस्थान वीरो की भूमि ऐसा कोई गाव नही जहा झुंझार के देवालय न हो ऐसी कोई जगह नही जो राजपूतो के रक्त से सिंचित न हो, यहाँ की मिट्टी में हजारो नही लाखो कहानिया दबी पड़ी है पर सन् 1988 में पाली जिले में घटी एक विचित्र घटना ने पुरे देश को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दियाI

एक दिव्य आत्मा जो मारने के बाद भी अमर हो गयी और आज भी करती है राहगिरो की सेवा नाम है ‘””ओमसिंह राठौड उर्फ़ ओम बन्ना….

सड़क हादसा और ओम बन्ना की रहस्यमय कहानी…

2 दिसंबर 1988 को ओम बन्ना (साधारणतः ओम सिंह राठौर के नाम से जाने जाते थे) पाली के नजदीकी शहर बांगड़ी से चोटिला की यात्रा कर रहे थे, तभी उन्होंने मोटरसाइकिल से अपना नियंत्रण खो दिया और एक पेड़ से टकरा गये : इस हादसे में ओम बन्ना मारे गये थे और उनकी मोटरसाइकिल भी वहा खाई में गिर गयी थी. हादसा होने के अगली सुबह स्थानिक पुलिस ने वह मोटरसाइकिल पुलिस स्टेशन ले गये. लेकिन अगले दिन वह मोटरसाइकिल स्टेशन से गायब हो गयी थी और वापिस जहा हादसा हुआ वही पायी गयी. पुलिस ने दोबारा मोटरसाइकिल को हिरासत में लिया और उसमे का पूरा पेट्रोल निकालकर उसे चैन से बांधकर रखा गया. इतने प्रयत्नों के बावजूद अगली सुबह वह मोटरसाइकिल वापिस स्टेशन से गायब हो गयी और दोबारा हादसे की जगह पर पायी गयी. वहा के आदमियो का कहना था की मोटरसाइकिल को वापिस उसी खाई में डाल देना चाहिये. क्योकि पुलिस द्वारा की गयी हर कोशिश नाकामयाब होती रही, पुलिस जब कभी भी उस मोटरसाइकिल को स्टेशन लाती तब अगली सुबह अचानक वह मोटरसाइकिल हादसे वाली जगह पायी जाती.

यह चमत्कार देखने के लिये स्थानिक लोग उस मोटरसाइकिल को देखने आया करते थे और जल्द ही उन्होंने उस “बुलेट बाइक” की पूजा करना भी शुरू कर दी. चमत्कार की यह कहानी जल्द ही आस-पास के गाँवो में फैलने लगी और बाद में उस जगह पर मोटरसाइकिल का मंदिर भी बनवाया गया. यह मंदिर “बुलेट बाबा मंदिर” के नाम से जाना जाता है और ऐसा कहा जाता है की यहाँ प्रार्थना करने से यात्रा सुरक्षित रहती है.

बचपन में ही भविष्यवाणी हो गई थी उनके चमत्कारी होने की

ओम बन्ना राठौड वंश से जुडे राजपूत है ओम बन्ना का जन्म विक्रम सम्वत २०२१ में वैशाख सुदी अष्ठमी का चमकी चांदनी रात में हुआ था। कहते है जब ओम बन्ना की जन्म कुंडली बनवाने ज्योतिषी आए तो उन्होंने ओम बन्ना की ठुड्डी व ललाट देखकर भविष्यवाणी की कि यह एक चमत्कारी बालक है, यह बडा होकर दशों दिशाओं में राठौड़ वंश का नाम उज्ज्वल करेगा। ठाकुर जोग सिंह व मां सरूप कंवर के पुत्र ओम बन्ना को मोटर गाडी चलाने का काफी शौक था बचपन में जब भी वह गांव में स्कूटर या मोटर साइकिल देखते थे तो वह अपने माता-पिता या दादी सा की गोद से कूदकर अपने छोटे-छोटे हाथों से मोटर साइकिल की आकृति बनाते और मुंह से

ओम बन्ना की पूजा:

ओम बन्ना की 350 सीसी रॉयल एनफ़ील्ड बुलेट जिसका नंबर 7773 है, जिसकी पूजा यहां पिछले 28 सालों से लोग करते आ रहे हैं।

हर दिन आस पास के गाँव वाले और यात्री वहा रुकते है और उस बाइक की पूजा करते है. कुछ लोग वहा अपनी यात्रा की सुरक्षा की प्रार्थना की कामना करते हुए मंदिर में शराब की बोतल भी चढाते है. और ऐसा कहा जाता है की वहा से गुजरते समय जो यात्री वहा प्रार्थना नही करता उसकी यात्रा जोखिम भरी होती है. वहा पूजा करने आये लोग बाइक को तिलक लगाकर लाल कपडा भी बांधते है. और साथ ही स्थानिक लोग ओम बन्ना के नाम से लोकगीत भी गाते है.

थानाधिकारी भी लगाते हैं धोक…  

सबसे खास बात कि जिस जगह पर ओम बन्ना की मौत सकड़ हादसे में हुई थी, और फिर उसके बाद से लोगों ने उनकी बाइक रॉयल एनफ़ील्ड बुलेट को उस स्थान पर रख दिया, उसके बाद से यहां कोई सड़क हादसा दुबारा नहीं हुआ। जिसे लोग ओम बन्ना और इस मंदिर का चमत्कार मानते हैं, और अपनी भक्ति भाव से अराधना करते हैं। इस मंदिर में एक पुजारी भी है, जो कि हर दिन मंदिर में पूजा-पाठ की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं। तो वहीं इस घटना के बाद से मंदिर पूरे इलाके में बुलेट बाबा के नाम से मशहूर हो गया। इतना ही नहीं अब यहां लोग काफी संख्या में दोक लगाते आते हैं, जबकि ऐसा कहा जाता है कि जो भी रोहट थाने में बतौर नए थानेदार बनकर आते हैं वो भी ओम बन्ना की मंदिर में धोक लगाने जरुर आते हैं।

हर मनाेकामना पूरी होती है यहां…  

ओम बन्ना देवल पर आने वाले अधिकांश श्रद्धालु मन्नत मांगने या मन्नत पूरी होने की बात करते है। सूरज, नागौर क्षेत्र, मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालुओं से बात करने पर उन्होंने ओम बन्ना देवल आने के बाद उनकी इच्छा पूरी होने की बात की। कई लोग अपने मित्रों व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में ओम बन्ना के बारे में पढक़र देवल पर मत्था टेकने की बात कही। ओम बन्ना देवल पर आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत में एक ही बात सामने आई कि ओम बन्ना उनकी इच्छा पूरी करते है। यहां ओम बन्ना के मंदिर के बाहर उनकी शादी की तस्वीरें भी लगी हुई है, जबकि यहां के लोगों के बीच वो किसी भगवान से कम नहीं हैं।

Write a Reply or Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *