सुंधा माता मंदिर का इतिहास
सुंधा माता का मंदिर काफी प्राचीन है। जालोर के शासक चाचिगदेव ने संवत् 1319 में
सुंधा माता का मंदिर काफी प्राचीन है। जालोर के शासक चाचिगदेव ने संवत् 1319 में
राजस्थान की धरती शुरू से ही वीरों की धरती के रूप में जानी जाती है।
पाटण की रानी रुदाबाई जिसने सुल्तान बेघारा के सीने को फाड़ कर दिल निकाल लिया
राजस्थान वीरो की भूमि ऐसा कोई गाव नही जहा झुंझार के देवालय न हो ऐसी
जैसलमेर। Baba Ramdev Ji राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता हैं। Runicha (जैसलमेर) में बाबा का
सनातन धर्म और मारवाड़ के रक्षक,शत्रुओं के काल और क्षत्रिय राजपूत कुल की राठौड़ कुल
राजस्थान के ऐसे ही ऐतिहासिक एवं प्राचीन स्थलों में से एक नाम है ‘भाद्राजून’। भाद्राजून
जोरजी चांपावत कसारी गांव के थे,जो जायल से 10 किमी खाटू सान्जू रोड़ पर है।
परमार वंश मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। परमार गोत्र सुर्यवंशी राजपूतों में आता है।
सामान्य क्षत्रियों का अंग्रेजों की दमनकारी नीति और राजपरिवारों के खिलाफ विद्रोह दौला काका के